*⭕️भारत कच्चे इस्पात का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बना*
क्रूड स्टील अथवा कच्चा इस्पात उत्पादन करने के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है. स्टील यूजर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया( सूफी) ने विश्व स्टील संघ के आंकड़ों के हवाले से यह जानकारी दी है.
भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए क्रूड स्टील उत्पादन में यह स्थान हासिल किया है. चीन कच्चे स्टील उत्पादन में पहले स्थान पर है. कुल वैश्विक उत्पादन में चीन की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है.
✴️मुख्य तथ्य
• भारत का क्रूड स्टील उत्पादन अप्रैल, 2017 से फरवरी, 2018 के दौरान 4.4 प्रतिशत बढ़कर 9.31 करोड़ टन पर पहुंच गया.
• भारत 2015 में अमेरिका को पछाड़कर तीसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक बना था.
• वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन के अनुसार, भारत ने फरवरी 2018 में 8.4 लाख टन कच्चे स्टील का उत्पादन किया है, जो पिछले साल फरवरी के मुकाबले 3.4 फीसदी अधिक है.
स्टील यूजर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों से देश में स्टील उत्पादन में वृद्धि देखने को मिली है. फेडरेशन के मुताबिक 'मेक इन इंडिया' जैसे अभियान से स्टील की घरेलू मांग में इजाफा हुआ है. बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से घरेलू बाजार को काफी प्रोत्साहन मिला है.
✴️इस्पात निर्माण
लौह अयस्क से इस्पात बनाने की प्रक्रिया का दूसरा चरण इस्पात निर्माण है. कच्चे लोहे से इस्पात बनाने के लिये कच्चे लोहे में उपस्थित अतिरिक्त कार्बन तथा गंधक, फॉस्फोरस आदि अशुद्धियों को निकाला जाता है और मैगनीज, निकिल, क्रोमियम तथा वनाडियम आदि तत्व मिलाये जाते हैं ताकि वांछित प्रकार का इस्पात बनाया जा सके.
*✴️भारत इस्पात नीति-2017 की मुख्य बातें*
• भारतीय इस्पात क्षेत्र देश के जीडीपी में लगभग 2 प्रतिशत का योगदान करता है. भारत ने 2016-17 में बिक्री के लिए 100 एमटी उत्पादन के स्तर को पार किया.
• नई इस्पात नीति 2017 के तहत 2030 तक 300 एमटी इस्पात बनाने की क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 2030-31 तक 10 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा.
• इस नीति के तहत इस्पात की खपत बढ़ाने पर जोर दिया गया है और इसके लिए प्रमुख क्षेत्र हैं - बुनियादी ढांचा, वाहन एवं आवास.
• नई इस्पात नीति के तहत 2030 तक प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत को बढ़ाकर करीब 160 किलोग्राम करने का लक्ष्य रखा गया है जो फिलहाल करीब 60 किलोग्राम है.
• इस्पात क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को मान्यता दी गई है. नीति में बताया गया है कि एमएसएमई क्षेत्र में ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकी को अपनाए जाने से कुल मिलाकर उत्पादकता बढ़ाने और ऊर्जा की खपत घटाने में मदद मिलेगी.
*🔵⭕️आरबीआई ने पहला द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा 2018-19 जारी किया*
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 05 अप्रैल 2018 को वित्त वर्ष 2018-19 की अपनी पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की. हालांकि आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया हैं.
आरबीआई ने रेपो रेट को पहले की ही तरह 6.0 फीसदी पर बनाए रखा है. लगातार चौथी समीक्षा बैठक में आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया है.
⭕️रेपो रेट:
रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं. रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के लोन का सस्ता होना होता है.
🔵रिवर्स रेपो रेट:
रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है.
बैंक रेट को भी पहले की ही तरह 6.25 फीसदी पर रखा गया है जबकि रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी के स्तर पर बनाए रखा गया है.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर पिछले महीने से घटकर 4.44 फीसदी रही. इससे पहले जनवरी में महंगाई दर 5.07 फीसदी दर्ज की गई थी. लेकिन यह आरबीआई की ओर से निर्धारित मध्यम अवधि में चार फीसदी महंगाई दर से अधिक दर्ज की गई है.
इसके साथ ही आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019 के पहली छमाही के लिए महंगाई के आंक़ड़े को घटाकर 4.7-5.1 और दूसरी छमाही के लिए इसे घटाकर 4.4 फीसदी कर दिया है.
आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट के 7.3-7.4 फीसदी जबकि दूसरी छमाही के दौरान इसके 7.3-7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
क्रूड स्टील अथवा कच्चा इस्पात उत्पादन करने के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है. स्टील यूजर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया( सूफी) ने विश्व स्टील संघ के आंकड़ों के हवाले से यह जानकारी दी है.
भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए क्रूड स्टील उत्पादन में यह स्थान हासिल किया है. चीन कच्चे स्टील उत्पादन में पहले स्थान पर है. कुल वैश्विक उत्पादन में चीन की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है.
✴️मुख्य तथ्य
• भारत का क्रूड स्टील उत्पादन अप्रैल, 2017 से फरवरी, 2018 के दौरान 4.4 प्रतिशत बढ़कर 9.31 करोड़ टन पर पहुंच गया.
• भारत 2015 में अमेरिका को पछाड़कर तीसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक बना था.
• वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन के अनुसार, भारत ने फरवरी 2018 में 8.4 लाख टन कच्चे स्टील का उत्पादन किया है, जो पिछले साल फरवरी के मुकाबले 3.4 फीसदी अधिक है.
स्टील यूजर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों से देश में स्टील उत्पादन में वृद्धि देखने को मिली है. फेडरेशन के मुताबिक 'मेक इन इंडिया' जैसे अभियान से स्टील की घरेलू मांग में इजाफा हुआ है. बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से घरेलू बाजार को काफी प्रोत्साहन मिला है.
✴️इस्पात निर्माण
लौह अयस्क से इस्पात बनाने की प्रक्रिया का दूसरा चरण इस्पात निर्माण है. कच्चे लोहे से इस्पात बनाने के लिये कच्चे लोहे में उपस्थित अतिरिक्त कार्बन तथा गंधक, फॉस्फोरस आदि अशुद्धियों को निकाला जाता है और मैगनीज, निकिल, क्रोमियम तथा वनाडियम आदि तत्व मिलाये जाते हैं ताकि वांछित प्रकार का इस्पात बनाया जा सके.
*✴️भारत इस्पात नीति-2017 की मुख्य बातें*
• भारतीय इस्पात क्षेत्र देश के जीडीपी में लगभग 2 प्रतिशत का योगदान करता है. भारत ने 2016-17 में बिक्री के लिए 100 एमटी उत्पादन के स्तर को पार किया.
• नई इस्पात नीति 2017 के तहत 2030 तक 300 एमटी इस्पात बनाने की क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 2030-31 तक 10 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा.
• इस नीति के तहत इस्पात की खपत बढ़ाने पर जोर दिया गया है और इसके लिए प्रमुख क्षेत्र हैं - बुनियादी ढांचा, वाहन एवं आवास.
• नई इस्पात नीति के तहत 2030 तक प्रति व्यक्ति इस्पात की खपत को बढ़ाकर करीब 160 किलोग्राम करने का लक्ष्य रखा गया है जो फिलहाल करीब 60 किलोग्राम है.
• इस्पात क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को मान्यता दी गई है. नीति में बताया गया है कि एमएसएमई क्षेत्र में ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकी को अपनाए जाने से कुल मिलाकर उत्पादकता बढ़ाने और ऊर्जा की खपत घटाने में मदद मिलेगी.
*🔵⭕️आरबीआई ने पहला द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा 2018-19 जारी किया*
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 05 अप्रैल 2018 को वित्त वर्ष 2018-19 की अपनी पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की. हालांकि आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया हैं.
आरबीआई ने रेपो रेट को पहले की ही तरह 6.0 फीसदी पर बनाए रखा है. लगातार चौथी समीक्षा बैठक में आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया है.
⭕️रेपो रेट:
रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं. रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के लोन का सस्ता होना होता है.
🔵रिवर्स रेपो रेट:
रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है.
बैंक रेट को भी पहले की ही तरह 6.25 फीसदी पर रखा गया है जबकि रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी के स्तर पर बनाए रखा गया है.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर पिछले महीने से घटकर 4.44 फीसदी रही. इससे पहले जनवरी में महंगाई दर 5.07 फीसदी दर्ज की गई थी. लेकिन यह आरबीआई की ओर से निर्धारित मध्यम अवधि में चार फीसदी महंगाई दर से अधिक दर्ज की गई है.
इसके साथ ही आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019 के पहली छमाही के लिए महंगाई के आंक़ड़े को घटाकर 4.7-5.1 और दूसरी छमाही के लिए इसे घटाकर 4.4 फीसदी कर दिया है.
आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट के 7.3-7.4 फीसदी जबकि दूसरी छमाही के दौरान इसके 7.3-7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
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