दैनिक समसामयिकी 01.07.2017

🗺🗺 01.07.2017🗺🗺

  *🌎दैनिक समसामयिकी🗺*

*🌎1.एक देश, एक कर का सपना साकार*

• पूरे देश को जिसका इंतजार था वह ‘वस्तु एवं सेवा कर’ (जीएसटी) आखिरकार शुक्रवार मध्यरात्रि से लागू हो गया। जीएसटी के लागू होने के साथ वैट, सेवा कर और केंद्रीय उत्पाद शुल्क जैसे केंद्र और राज्यों के दर्जनभर से अधिक कर समाप्त हो गए हैं। रात के ठीक 12 बजते ही संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घंटी बजाकर देशभर में समान टैक्स लागू किया।

• अब देश के भीतर वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की चार दरें- पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत फीसद लागू की जाएंगी।

• इस मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को गुड एंड सिंपल (अच्छा और सरल) टैक्स करार दिया। उन्होंने कहा कि यह किसी एक दल या सरकार की सिद्धि नहीं है। यह हम सभी के प्रयासों का नतीजा है।

• राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण दिसंबर 2002 में शुरू हुई लंबी यात्रा  की परिणति है। उन्होंने जीएसटी को राज्य सरकारों की सहमति और शहित में सबके साथ आने का प्रतीक बताया। बताते चलें कि 2011 में वित्त मंत्री की हैसियत से प्रणब ने ही जीएसटी को संसद के पटल पर रखा था।

• वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हम भारत के विकास में ऐतिहासिक फैसला करने जा रहे हैं। यह भारत की एक नई शुरुआत होगी। हम पूरे देश में एक व्यवस्था लागू करने में कामयाब हुए हैं।

*🌐• जीएसटी के दो अंग हैं-

🌎 एसजीएसटी जिसकी आय राज्य सरकार के पास आएगी और

🌎सीजीएसटी- जिसकी आय केंद्र सरकार के पास जाएगी। यह कर केवल उन्हीं कारोबारियों पर लगेगा, जिनका सालाना कारोबार लगभग *20 लाख रुपये का होगा। इस प्रकार छोटे कारोबारी जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे।*

• ऐसे व्यापारी जिनका कुल कारोबार 75 लाख रुपये प्रति वर्ष तक है, उन्हें अपने कारोबार पर केवल एक प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा। हर तिमाही अपने कुल कारोबार के ब्योरे वाली आसान सी विवरणी (इनवॉयस) भरनी होगी। यह छोटे कारोबारियों और निर्माताओं के लिए कराधान की सरल व्यवस्था है।

• यह संभव है कि जीएसटी की कम समझ के कारण कुछ लोग इसके प्रति आशंकित हों, लेकिन यदि आप जीएसटी को ठीक से समझने का प्रयास करें, तो पाएंगे कि यह एक नई व्यवस्था है जिसमें कारोबारियों, निर्माताओं, ग्राहकों सभी को लाभ होगा। बेशक, यह सही है कि जो कर भुगतान से बच रहे हैं, वे अब नई व्यवस्था के अंतर्गत ऐसा नहीं कर पाएंगे।

• इस कारण वे जीएसटी का विरोध करने की कोशिश कर सकते हैं। ईमानदार और समय पर अपने कर का भुगतान करने वाले व्यक्तियों को इस नई व्यवस्था से डरना नहीं चाहिए।

• जीएसटी के बारे में बहुत सी गलत खबरें फैलाई जा रही हैं। यह कहा जा रहा है कि छोटे कारोबारियों को भी हर समय कंप्यूटर और इंटरनेट सुविधा की जरूरत होगी। यह बिल्कुल गलत है। जैसा कि मैंने कहा है कि वे व्यक्ति जिनका सलाना कारोबार 75 लाख रुपये प्रति वर्ष तक है, उन्हें विस्तृत रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें अपनी विवरणी तीन महीने में एक बार दाखिल करनी होगी। इसके लिए साइबर कैफे की सेवाएं भी ली जा सकती हैं या वे राज्य अथवा केंद्र सरकार के जीएसटी सेवा केंद्र पर आकर अपनी विवरणी वहां दाखिल करा सकते हैं।

• अन्य डीलरों के लिए भी, जो खुदरा कारोबार में हैं, उन्हें केवल अपने कुल कारोबार का ब्योरा रखना होगा और माह में एक बार अगले महीने की पहली से 10 तारीख के बीच अपनी विवरणी दाखिल करनी होगा। अन्य दो विवरणी जीएसटीआर 2 और 3 कंप्यूटर द्वारा अपने आप तैयार हो जाएंगी। कारोबारियों को इसलिए भरना जरूरी होगा, क्योंकि इससे उनको ही सुविधा होगी।

• विवरण दाखिल करने में ज्यादा कुछ नहीं है, केवल उसकी समीक्षा और उसे स्वीकार करना है। तीसरे, यह कहना गलत होगा कि छोटे कारोबारों को भी हर समय कंप्यूटर और इंटरनेट सुविधा की आवश्यकता होगी। कई कारोबारी अब इलेक्ट्रॉनिक बैंक ट्रांसफर का प्रयोग करते है। अब कई राज्यों में वैट भी ऑनलाइन फाइल किया जाता है। इस वजह से जीएसटी के अंतर्गत ई-फाइलिंग की नई प्रणाली से जुड़ने में कोई परेशानी नहीं होगी।

• मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि जीएसटी के प्रति सकारात्मक रवैया रखें। इसे सकारात्मक रूप से अपनाएं। मुझे  यकीन है कि यह नई कर व्यवस्था भारत की आर्थिक यात्रा  में मील का पत्थर साबित होगी। यह श को तेजी से बढ़ने और अधिक रोजगार पैदा करने में भी मददगार साबित होगी

• निम्न और मध्यम वर्ग के इस्तेमाल की भी अधिकांश वस्तुओं पर भी जीएसटी की दर शून्य रखी गयी है। हालांकि, धनाढ्य वर्ग के काम आने वाली चीजों और सेवाओं पर टैक्स वसूलने में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। तंबाकू और लग्जरी वस्तुओं व महंगी कारों पर जीएसटी के अलावा भारी भरकम सेस भी अलग से लगाया गया है।
*• शराब को छोड़कर सभी वस्तुएं जीएसटी के दायरे में हैं।*
🌍 हालांकि *पांच पेट्रोलियम उत्पादों-*

🌐 कच्चा तेल,

🌐एटीएफ,

🌐डीजल,

🌐पेट्रोल और

🌐प्राकृतिक गैस पर जीएसटी किस तारीख से लागू होगा, इसका फैसला केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल करेगी।

*🌏फिलहाल इन पांच उत्पादों को जीएसटी से बाहर रखा गया है।*

• जीएसटी के संबंध में फैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्था जीएसटी काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। काउंसिल में निर्णय लेने के लिए मताधिकार की व्यवस्था होने के बाद भी काउंसिल की अब तक हुई डेढ़ दर्जन बैठकों में सभी फैसले आम राय से ही हुए हैं।

• 14 अगस्त, 1947 देश को आजादी मिलने वाली थी। तब आधी रात को संसद का विशेष सत्र बुलाया गया। उस समय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘टिस्ट विद डेस्टिनी’ नाम से मशहूर ऐतिहासिक भाषण दिया।

• 14 अगस्त, 1972 दूसरी बार संसद का मध्य रात्रि सत्र 14 अगस्त, 1972 को बुलाया गया था। मौका था आजादी के 25 वर्ष पूरे होने का। उस वक्त देश के राष्ट्रपति वीवी गिरी थे और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं।14 अगस्त, 1997 आजादी की 50वीं सालगिरह के मौके पर संसद का मध्य रात्रि सत्र बुलाया गया था। उस समय देश के राष्ट्रपति केआर नारायणन और
 प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल थे।

*🌏• किसानों का रखा विशेष ध्यान:-* जीएसटी में किसानों का विशेष ध्यान रखा गया है। किसानों को जीएसटी के लिए पंजीकरण से छूट दी गई है।

• साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि जीएसटी की दरों से खेती की लागत न बढ़ जाए।

• जीएसटी लागू होने से चंद घंटे पहले जीएसटी काउंसिल ने खाद पर 12 प्रतिशत की दर को
 घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया।

• साथ ही ट्रैक्टर के कई कल-पुर्जो पर जीएसटी की प्रस्तावित 28 प्रतिशत की दर को भी घटाकर 18 कर दिया गया।


*🌏2. पीपीएफ समेत कई लघु बचत स्कीमों पर घटी ब्याज दर*

• सरकार ने लघु बचत योजनाओं मसलन लोक भविष्य निधि (पीपीएफ), किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि योजनाओं पर ब्याज दर में 0.1 प्रतिशत की कमी कर दी है। यह कटौती जुलाई-सितंबर की तिमाही के लिए होगी। माना जा रहा है कि इस कदम से बैंक भी जमा पर ब्याज दरों में कमी कर सकते हैं।

• छोटी बचतों पर ब्याज दर में यह कमी अप्रैल-जून तिमाही की तुलना में हुई है। हालांकि बचत खातों की जमा पर चार प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर को कायम रखा गया है। पिछले साल अप्रैल से लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर
 संशोधित किया जा रहा है।

• वित्त मंत्रलय ने अपने बयान में कहा है कि लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर अब 7.8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज मिलेगा। किसान विकास पत्र पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज देय होगा और इसकी परिपक्वता अवधि 115 महीने की रहेगी। लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि खातों पर अब वार्षिक 8.3 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। अभी तक इस योजना पर 8.4 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है।

• वरिष्ठ नागरिक योजना पर 8.3 प्रतिशत का ब्याज दिया जाएगा। इस योजना में ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है। इसी तरह एक से पांच साल की मियादी जमा (एफडी) पर 6.8 से 7.6 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। इसका भुगतान तिमाही आधार पर किया जाएगा। वहीं पांच साल की आवर्ती जमा (आरडी) पर कम यानी 7.1 प्रतिशत का ब्याज दिया जाएगा

• मंत्रालय  ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें अधिसूचित कर दी हैं। उसकी ओर से कहा गया है कि सरकार के फैसले के अनुसार लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों को तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जा रहा है।

• लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों को सरकारी बांड के रिटर्न से संबद्ध किया जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम के बाद बैंक भी अब जमा पर ब्याज दरों में कमी कर सकते हैं।
*🌍3. क्या है चीन के बदले तेवर की वजह*

• चीन ने सिक्किम-भूटान सीमा के पास डोकलाम (डोंगलोंग) क्षेत्र में आखिरकार इतना आक्रामक तेवर दिखाना क्यों शुरू किया है? इसका कोई सीधा सा जवाब किसी के पास नहीं है। कूटनीति से जुड़े लोग और भारतीय विदेश मंत्रलय के अधिकारी इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की अमेरिका यात्रा  और इसके ‘पहले वन बेल्ट वन रोड’ (ओबोर) पर भारत के विरोध से जोड़ कर देख रहे हैं।

• कूटनीतिक सूत्रों के, मुताबिक चीन की सेना अपनी मर्जी से यह काम नहीं कर रही है। वहां का रक्षा मंत्रलय और विदेश मंत्रालय  जिस तरह लगातार भारत को निशाना बनाते हुए बयान जारी कर रहा है उससे उनकी पूरी साजिश का पता चलता है।

• कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक, भारत के विरोध ने चीन की महत्वाकांक्षी ओबोर परियोजना पर जिस तरह कई सवाल उठा दिए हैं उससे चीन को काफी परेशानी हो रही है।

• भारत के विरोध के बाद कई देशों में चीन की तरफ से इस परियोजना पर दिए जाने वाले कर्ज को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

• हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में भी ओबोर पर भारत की चिंताओं का समर्थन किया गया था। ट्रंप सरकार ने खुल कर भारत का समर्थन करना शुरू कर दिया है। अमेरिका ने भारत को तीन नए अत्याधुनिक हथियार देने की घोषणा की है जिससे चीन की निगरानी में मदद मिलेगी। ये सारी बातें चीन को नागवार गुजरी हैं और इसी वजह से उसने नया विवाद खड़ा किया है।

• जानकार मान रहे हैं कि आगे की स्थिति समूह-20 देशों की बैठक दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच संभावित द्विपक्षीय बातचीत में तय होगी। वैसे दोनों पक्षों की तरफ से आधिकारिक तौर पर बातचीत का प्रस्ताव नहीं रखा गया है। लेकिन समूह-20 की बैठक दिन भर चलती है और अनौपचारिक तौर पर एक देश के राष्ट्राध्यक्ष का दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्षों से कई बार सामना होता है।

• इसके अलावा जल्द ही ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक चीन में होने वाली है। वहां मोदी और चिनफिंग के बीच आधिकारिक तौर पर बैठक होनी तय है। पूर्व में जब भी चीन की तरफ से सीमा का उल्लंघन किया गया है तो उसके पीछे उसकी सौदेबाजी की मंशा रही है।

• विदेश नीति के जानकारों का कहना है कि भारत के प्रति चीन की नीति और नियत कभी भी अच्छी नहीं रही है। एशिया में दबंगई के बल पर वह सभी को दबाना चाहता है। तमाम छोटे मुल्क आर्थिक मदद या सैन्य ताकत को देखकर उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाते हैं। पाकिस्तान ने भारत को नीचा दिखाने के लिए अपने हितों को दरकिनार कर चीन से हाथ मिलाया है। बीजिंग यानी चीन के लिए इलाके में सिर्फ एक ही राष्ट्र अर्थात भारत ही ऐसा है जो उसकी बादशाहता को निरंतर चुनौती देता है।

• आर्थिक मामला हो या फिर सैन्य क्षमता सभी में हम उसके सामने खड़े होने की क्षमता रखते हैं। विश्व बाजार में भी भारतीय उत्पाद दिन पर दिन अपना झंड़ा गाड़ रहे हैं। देश की आर्थिक विकास दर भी चीन के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। एसे में उसका चिंतित होना स्वाभावित है।
*🌍4. अफगान में भारत की बड़ी भूमिका चाहता है अमेरिका✴*

• अमेरिका ने अफगानिस्तान में भारत के लिए बड़ी भूमिका की राह तलाशनी शुरू कर दी है। सीनेट के पैनल ने पेंटागन से ऐसी संभावनाओं की पहचान करने को कहा है कि जिससे अफगानिस्तान में रक्षा क्षेत्र में भारत की भूमिका बढ़ायी जा सके।

• इस संबंध में अलास्का के सीनेटर डेन सुलीवन ने प्रस्ताव रखा था, जिसे सीनेट सशस्त्र सेवा कमेटी ने पारित कर दिया। यह प्रस्ताव नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए-2018) के तहत पारित किया गया।

 एनडीएए-2018 के तहत चालू वित्तीय के लिए 640 अरब डॉलर (करीब 41,446 अरब रुपये) के महत्वपूर्ण रक्षा खर्च को मंजूरी दी गई है।

• सुलीवन की ओर से बयान में कहा गया, ‘यह प्रावधान रक्षा विभाग को उन संभावनाओं की पहचान के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे युद्ध ग्रस्त अफगानिस्तान में भारत की भूमिका बढ़ सके।’

• ‘अफगानिस्तान में भारत की
 बढ़ती भूमिका को प्रोत्साहन’ सीनेट की सशस्त्र सेवा कमेटी की ओर से पास हुए 24 संशोधनों में से एक है। अब एनडीएए-18 को सीनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है।

• विधेयक का ऐसा ही प्रारूप हाउस आम्र्ड सर्विसेज कमेटी की ओर से भी पास हुआ है और उसे हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के समक्ष मंजूरी के लिए भेजा गया है।

• भारत इस समय अफगानिस्तान का सबसे बड़ा क्षेत्रीय सहयोगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अफगानिस्तान में भारत की भूमिका की तारीफ की है।

*🌍5. चीन की कार्रवाई समझौतों का उल्लंघन : भूटान*

• चीन का आक्रामक विस्तारवाद एक छोटे-शांतिप्रिय देश भूटान को निशाना बना रहा है। भूटान के साथ कोई सीमा समझौता न होने की स्थिति का फायदा उठाते हुए चीन ने एकतरफा तरीके से उसके क्षेत्र में सड़क निर्माण का काम शुरू करा दिया है। यह सड़क भूटान की संप्रभुता का उल्लंघन करने वाली है। यह गौर करने लायक है कि भूटान और चीन के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं।

• भूटान के विदेश मंत्रलय ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसके क्षेत्र में सड़क निर्माण का काम सीधे-सीधे भूटान की संप्रभुता का उल्लंघन है। भूटान ने यह भी कहा है कि इससे दोनों देशों के बीच सीमाओं को फिर से निर्धारित करने की प्रक्रिया पर विपरीत असर पड़ेगा।

• भूटान ने चीन को यह भी याद दिलाया है कि उनके बीच कोई एकतरफा कदम न उठाने, ताकत का इस्तेमाल करने से बचने और सीमा पर यथास्थिति में छेड़छाड़ न करने का संकल्प व्यक्त किया गया था।

• भूटान ने डोकलाम में फिर से पुरानी स्थिति बहाल करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि उसने बीजिंग तक कूटनीतिक संदेश पहुंचा दिया है। इस आधार पर भारत भी उसकी मदद के लिए आगे आया है। भारत ने भूटान को भरोसा दिलाया है कि उसकी संप्रभुता की रक्षा के लिए नई दिल्ली की ओर से हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। 1भूटान के क्षेत्र में सड़क निर्माण करने की चीन की पहल उसकी एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है।

• उसकी कोशिश क्षेत्र में जमीनी सच्चाई को बदलना है ताकि
एक ऐसा दिन आए जब उसकी सड़क सिलिगुड़ी कोरिडोर या चिकेन नेक तक पहुंच जाए। यदि ऐसा होता है तो इसका मतलब होगा भारत के पूवरेत्तर का शेष भारत से कट जाना।
*🌍6. ड्रेगन ने दक्षिण सागर में बनाया नया सैन्य अड्डा*

• चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में जुटा है। अमेरिका के अलावा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र के अन्य देशों की चेतावनी को दरकिनार करते हुए बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर के कृत्रिम द्वीप पर नया सैन्य अड्डा विकसित किया है।

• अमेरिकी थिंक टैंक एशिया मैरीटाइम ट्रांसपेरेंसी इनीशिएटिव (एएमटीआइ) की ताजा रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।

• एएमटीआइ ने बताया कि नई सेटेलाइट तस्वीरों से स्पार्टली द्वीप समूह के फायरी क्रॉस रीफ, मिसचीफ और सुबी रीफ्स पर मिसाइल शेल्टर (मिसाइल तैनात करने का स्थान) और रडार एवं संचार प्रणाली लगाने की पुष्टि हुई है। चीन ने फायरी क्रॉस रीफ पर चार नए मिसाइल शेल्टर विकसित किए हैं।

• यहां ऐसे आठ शेल्टर पहले से ही मौजूद हैं। थिंक टैंक के अनुसार, मिसचीफ और सुबी पर आठ-आठ मिसाइल शेल्टर पहले से ही हैं। मिसचीफ रीफ पर बहुत बड़ा एंटिना लगाया जा रहा है। इसकी मदद से आसपास के इलाकों की निगरानी आसानी से की जा सकेगी।

• यह खासकर फिलीपींस के लिए चिंता का सबब बन सकता है, क्योंकि इसके आसपास के इलाकों पर वह अपना दावा ठोंकता रहा है। चीन इस द्वीप पर दो छोटे आकार के गुंबद भी विकसित कर रहा है। यहां पर रडार प्रणाली तैनात करने की संभावना जताई गई है।

• फायरी क्रॉस पर हाल में ही एक बड़े गुंबद का निर्माण पूरा किया गया है। रिपोर्ट में चीन द्वारा जल्द ही सैन्य साजो-सामान, लड़ाकू विमान और मोबाइल मिसाइल लांचर तैनात करने की बात कही गई है।

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*🌍7. अमेरिका : छह मुस्लिम देशों पर यात्रा प्रतिबंध लागू*

• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मुख्यतया छह मुस्लिम देशों से आने वाले और शरणार्थियों के लिए अस्थायी यात्रा प्रतिबंध का आदेश सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद प्रभावी हो गया है।

• ट्रंप प्रशासन का कहना है कि अस्थायी प्रतिबंध आतंकवादियों को देश में घुसने से रोकने के लिए आवश्यक है लेकिन आव्रजकों के पैरोकारों का आरोप है कि यह अवैध तरीके से केवल मुस्लिमों को निशाना बनाता है। ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से आने वाले लोगों के लिए 90 दिन के प्रतिबंध और शरणार्थियों के लिए 120 दिन के प्रतिबंध में केवल उन ही लोगों को छूट मिलेगी जिनके अमेरिका में निकट रिश्तेदार हैं।

• सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार की ओर दी गई छूट बेहद सीमित है। आव्रजन अधिकारों के कार्यकर्ता और वकील न्यूयॉर्क के जॉन एफ केनेडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तथा अन्य हवाई अड्डों पर लोगों की सहायता के साथ ही यह सुनिश्चित करने का इंतजार कर रहे हैं कि छह देशों से वैध अमेरिकी वीजा लेकर आने वाले लोगों को आसानी से आने दिया जाए।

• यह यात्रा प्रतिबंध बृहस्पतिवार की शाम आठ बजे प्रभावी हो गया । ट्रंप की ओर से वर्ष के शुरू में लाए गए यात्रा प्रतिबंध के समय देश में आने वाले लोगों के साथ खराब बर्ताव के लिए गृह सुरक्षा मंत्रालय की कड़ी आलोचना हुई थी लेकिन इस बार उसने पूरी सुगमता से काम होने का आश्वासन दिया है।

• मंत्रालय ने कहा है कि प्रतिबंध लागू होने से पहले जारी वीजा के साथ यात्रा करने वालों को आने दिया जाएगा। इसके साथ ही उन अधिकृत शरणार्थियों को भी कोई दिक्कत नहीं है जिन्हें छह जुलाई से पहले यहां आने की मंजूरी दी गई थी।

•  मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, आज रात आठ बजे से शुरू हो रही कार्रवाई के सामान्य रहने की उम्मीद है। हमारे लोग इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। ट्रंप प्रशासन यात्रा प्रतिबंध को आतंकवाद के खतरे से बचाने के लिए आवश्यक मान रहा है। साथ ही इससे यात्रियों और शरणार्थियों की जांच को और कड़ा करने के लिए आव्रजन अधिकारियों को और वक्त मिल सकेगा।

• ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, हाल ही में हुई घटनाएं ये दिखती हैं कि हम बेहद खतरनाक वक्त में रह रहे हैं और अमेरिकी सरकार को आतंकवादियों को देश में घुसने से रोकने और हिंसा तथा खूनखराबे को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे।

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*🌍8. नौवहन क्षेत्र में भारत-अमेरिका मिलकर करें काम : सीनेट पैनल*

• हिंद महासागर में चीन की बढ़ती नौसैन्य मौजूदगी के बीच सीनेट के एक प्रमुख पैनल ने पेंटागन से कहा है कि वह पनडुब्बी रोधी युद्ध कौशल के लिए भारत के साथ साझेदारी एवं सहयोग के प्रति अपने रवैये का पुन: आकलन करे।

•  इस संबंध में सीनेटर टेड क्रूज द्वारा लाया गया नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट (एनडीएए) 2018 इस सप्ताह की शुरुआत में सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति ने पारित किया था।

• यह भारत को मिले बड़े रक्षा साझेदार के दर्जे को आगे भी लागू रखने की दिशा में क्रूज के प्रयासों का हिस्सा है। क्रूज के कार्यालय ने कहा, रणनीतिक लिहाज से 21वीं सदी की कुछ साझेदारियां विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ अमेरिका की साझेदरी से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

• कार्यालय ने कहा, तब भी, सीनेटर क्रूज का मानना है कि मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग और साझा विकास नौवहन क्षेत्र में जागरूकता एवं पनडुब्बी-रोधी युद्ध कौशल के साझा हितों के अधिक अनुरूप होना चाहिए। क्रूज का यह संशोधन रक्षा मंत्रालय से अपील करता है कि वह भारत के साथ अपनी साझेदारी के प्रति अपने रवैये का दोबारा आकलन करे और इस प्रक्रिया के निरीक्षण के लिए एक व्यक्ति को नियुक्त करे।

*✴9. ब्रिटिश महारानी ने अंकित कवात्र को किया सम्मानित*

• भूख की समस्या पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अंकित कवात्र को ब्रिटिश महारानी के यंग लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने गुरुवार को उन्हें बकिंघम पैलेस में यह सम्मान दिया।125 वर्षीय अंकित भारत में भूख और कुपोषण की समस्या के हल की दिशा में काम करते रहे हैं।

• वह ‘फीडिंग इंडिया’ संगठन के संस्थापक हैं। उन्होंने इसकी शुरुआत 2014 में भूख और भोजन की बर्बादी के मसलों का हल निकालने के लिए की थी। तब उनके साथ महज पांच लोग जुड़े थे। अब भारत के 43 शहरों में उनके संगठन से करीब साढ़े चार हजार स्वयंसेवक जुड़े हैं।

• वे शादी समारोह और पार्टियों से बचने वाले भोजन को जरूरतमंदों तक पहुंचाने में मदद करते हैं। अंकित ने कहा, ‘बकिंघम पैलेस में महारानी के हाथों सम्मानित होना गर्व की बात है। यह उसी तरह का सम्मान है जिसे मैं सपने भी नहीं सोच सकता था।’

•  संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल अंकित समेत 17 लोगों को यंग लीडर्स के तौर पर चुना था। इन्हें सतत विकास लक्ष्यों में मदद के लिए चयनित किया गया था।


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