दैनिक समसामयिकी 05 July 2017(Wednesday)


दैनिक समसामयिकी

05 July 2017(Wednesday)

1.इजरायल में मोदी का अभूतपूर्व स्वागत

• भारतीय विदेश नीति के इतिहास में मंगलवार को एक नया अध्याय जुड़ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के तेल अवीव में एयरपोर्ट पर विमान से जब उतरे तो उनके स्वागत के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू खुद खड़े थे।
• विमान से मोदी के उतरते ही नेतन्याहू ने बड़ी गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। देर तक हाथ मिलाया। दोनों गले मिले। फिर दोनों देशों का राष्ट्रगान हुआ। खुशी से भरे उनके चेहरे इतिहास के इस नए अध्याय की कहानी कह रहे थे।
• तेल अवीव के बेन गुरियन एयरपोर्ट पर मंच पहले से ही सजा हुआ था। मंच पर पहले नेतन्याहू आए और मोदी का स्वागत बड़े ही अनोखे अंदाज में किया। हंिदूी में कहा-आपका स्वागत है मेरे दोस्त। पीएम मोदी ने भी जवाब उतनी ही गर्मजोशी से दिया। उन्होंने हिब्रू भाषा में ‘शलोम’ कहा। इसका अर्थ होता है- शुक्रिया।
• इजरायली पीएम ने ऐतिहासिक यात्रा  कहा : नेतन्याहू ने कहा कि सचमुच यह एक ऐतिहासिक यात्रा  है। भारत और विश्व के महान नेता का हम 70 वर्षों से इंतजार कर रहे थे।
• नेतन्याहू ने कहा कि जब मैं आपसे पेरिस में पहली बार मिला तो हम भारत और इजरायल के संबंध को आगे ले जाने पर सहमत हुए थे। फिर कई बार आपसे फोन पर बात हो चुकी है।
• अंतरिक्ष तक पहुंची साझेदारी  : इजरायली पीएम ने कहा कि मुङो याद है कि आपने कहा था कि जब भारत और इजरायल के संबंधों की बात आती है तो स्काई इज द लिमिट। आज मैं कहता हूं कि स्काई की भी लिमिट नहीं है।
• प्रधानमंत्री मोदी की इस ऐतिहासिक यात्रा पर पूरी दुनिया की नजरें हैं। मोदी के इस दौरे के दौरान इजरायल से 17 हजार करोड़ का रक्षा सौदा होने की संभावना जताई जा रही है।
•  भारत अभी 70 से 100 अरब रुपये के करीब सैन्य उत्पाद इजरायल से आयात कर रहा है, जो अगले पांच साल में 150 अरब रुपये तक पहुंच सकता है।
• मोदी के इस दौरे से इजरायली कंपनियों के लिए भारत में निवेश के बेहतर मौके बनेंगे। दोनों देश साइबर क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं, लेकिन इससे जुड़ी जानकारियों को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
• आई स्क्वायर और टी स्क्वायर : नेतन्याहू ने भारत और इजरायल को नेचुरल फ्रेंड बताते हुए सहयोग का नया सूत्र गढ़ा। ‘आई स्क्वायर’ यानी भारत और इजरायल और ‘टी स्क्वायर’ यानी टैलेंट और टेक्नोलॉजी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमें इस बात का पक्का भरोसा है कि हमारी लाइफ की ये केमिस्ट्री हमारी साझेदारी की सफलता तय करेगी। हमारे लोगों की प्रतिभा से हम बहुत बेहतर कर सकते हैं।’

*2. नेतन्याहू, मोदी के जरिए दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि इजरायल की स्वीकार्यता बढ़ रही है:-

• कूटनीतिक:- नेतन्याहू इनकोशिशों के जरिए अपने देश की जनता को बताना चाहते हैं कि उनके नेतृत्व में देश मजबूत हो रहा है। उसकी स्वीकार्यता बढ़ रही है। चीन और भारत जैसे देश यहां तक कि अरब मुल्कों तक भी उनकी पहुंच बन रही है।
• डिफेंस:- रूस औरअमेरिका के बाद इजरायल हमारा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश हैं। इजरायल सबसे ज्यादा हथियार भारत को बेचता है। कुल निर्यात का 40%। बीते तीन सालों में दोनों देशों के बीच 26 हजार करोड़ रुपए के रक्षा समझौते हुए हैं।
• कारोबार:- 25 सालमें 1295 करोड़ रुपए से बढ़कर कारोबार 32 हजार करोड़ रुपए हो गया है। इजरायल के आर्थिक मंत्री कोहेन के मुताबिक भारत में 1.3 अरब उपभोक्ता हैं। 30 करोड़ उच्च और मध्यम क्लास के हैं, जिनकी परचेसिंग पावर पश्चिमी देशों जैसी है।

*3. रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म से बनेगा न्यू इंडिया: मोदी

• भारतअगले 10 सालों में कहां होगा?  :-मेरी सरकार की कोशिश है कि भारत के युवाओं के सपनों का नया भारत बनाएं। हमारी कोशिश रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म के जरिए देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की है। हम चाहते हैं कि हर गरीब को घर मिले। अच्छी शिक्षा मिले।
• न्यूइंडिया में हमारे देश का रोल क्या होगा?  :- इजरायल का नाम आते ही इनोवेशन, टेक्नॉलोजी, स्टार्टअप जैसे शब्द आते हैं। ये चीजें भारत को आगे बढ़ने में काफी मदद कर सकती हैं।
• भारत की बड़ी तादाद में मुस्लिम हैं, हम आपके अनुभवों से क्या सीख सकते हैं? :-  भारत एक विविधता से भरा हुआ देश है, हमारा मूल मंत्र है सर्व पंथ समभाव है। मतलब हर एक का सम्मान करना चाहिए। विविधताओं को स्वीकार करना चाहिए और उसपर अमल करना चाहिए। भारत इस पर खरा उतरा है।

*4. इजरायल की सिंचाई प्रणाली पर रहेगी नजर


• कृषि क्षेत्र में इजरायल की दक्षता से हर कोई परिचित है। वहीं, उसकी बूंद सिंचाई प्रणाली का तो कोई सानी नहीं है। मोदी की यात्र के दौरान भारत को सबसे ज्यादा उम्मीद है वहां की सिंचाई की विशेष कृत्रिम प्रणाली से, जिसका अपने देश के शुष्क प्रदेशों में प्रयोग किया जा सकता है।
• इजरायल में सिंचाई की नई प्रणाली का डेढ़ वर्ष से व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके तहत सेंसर के जरिए फसलों से डाटा तैयार किया जाता है और उसे सिंचाई में परिवर्तित किया जाता है।
• इसके जरिए किसान को पता चलता है कि फसल को सिंचाई केलिए कितने पानी की जरूरत है। वहां की बूंद सिंचाई प्रणाली के बाद अब ये सेंसरों पर आधारित नई प्रणाली भारत सहित पूरी दुनिया के लिए क्रांति का काम कर सकती है।
• यदि भारत इस प्रणाली को अपनाता है तो महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत देश के तमाम शुष्क प्रदेशों के किसानों को सिंचाई में लाभ होगा।
• पैदावर बढ़ी, पानी की हुई बचत : इस तकनीक को एग्रो वेब लैब (एडब्ल्यूएल) ने विकसित किया है। इसमें पौधे, मिट्टी और पर्यावरण संबंधी सूचनाओं को सेंसर के जरिए डाटा तैयार किया जाता है और फिर उसे किसानों को भेजा जाता है, जिससे उन्हें पता चल सके उनकी फसल को सिंचाई केलिए कितने पानी और खाद की जरूरत है।
• इस तकनीक के प्रयोग के बेहद सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। इस तकनीक को अपनाने से जहां पैदावार में 5 से 10 फीसद की वृद्धि हुई है, वहीं अलग-अलग मौसम में सिंचाई के दौरान पानी की 20 से 30 फीसद तक की बचत हो रही है।
• भारत में भी कारगर हो सकती है तकनीक : भारत में 85 फीसद छोटे किसान हैं, जिनके पास एकसे पांच एकड़ जमीन है वहां इस तकनीक का प्रयोग कैसे होगा। इसके बारे में सनप्लांट के प्रतिनिधि कहते हैं कि वे वृह्द स्तर पर डाटा एकत्र करने की प्रणाली पर काम कर रहे हैं, जिससे इसका लाभ सभी किसानों को मिल सके।
• छोटे किसानों को खेतों में सेंसर लगवाए बिना मोबाइल से जानकारी मिल सकेगी कि फसल को सिंचाई लिए कितने पानी व खाद की जरूरत है।
• बता दें कि इजरायल में 80 फीसद सिंचाई नाले के पानी की सफाई करके की जाती है। साफ पानी को एकत्र करने के लिए रेगिस्तान में बड़े जलाशय बनाए गए हैं।

*5. सीमा विवाद पर चिनफिंग से बात करेंगे भारतीय पीएम

• आखिरकार चीन की तल्खी के पीछे की असली वजह क्या है? क्या वह वन बेल्ट वन रोड योजना पर कोई सौदेबाजी चाहता है या अमेरिका से बढ़ते सैन्य ताल्लुकात पर भारत को संदेश देना चाहता है? पीएम नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से यह बात जानने की कोशिश कर सकते हैं।
• बढ़ते तनाव के बीच दोनों के बीच तीन दिनों बाद बैठक हो सकती है। 1दोनो नेता 7-8 जुलाई को जर्मनी के हनोवर शहर में समूह-20 देशों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं। ताजी जानकारी के मुताबिक दोनों नेता समूह-20 की बैठक के अलावा ब्रिक्स (ब्राजील, भारत, चीन, रूस और दक्षिण अफ्रीका) देशों के प्रमुखों की अलग होने वाली बैठक में भी हिस्सा लेंगे।
• जानकारों की मानें तो यह मुलाकात वर्ष 2014 की तरह होगी। उस दौरान दोनो देशों के बीच तनाव बढ़ रहा था, लेकिन मोदी और चिनफिंग की मुलाकात ने मामले को संभालने में काफी अहम भूमिका निभाई। बहरहाल, इस मुलाकात को मौजूदा तनाव को खत्म करने की दिशा में काफी अहम माना जा रहा है।
• सूत्रों के मुताबिक, मोदी-चिनफिंग के बीच तीन वषों में तीन बार भेंट हो चुकी है। दोनों हर मुद्दे पर खुलकर बात करते हैं। चीन जब भी सीमा पर तनाव बढ़ाता है तो उसकी कोई वजह होती है। इस बार माना जा रहा है कि चीन वन बेल्ट वन रोड परियोजना पर भारत के तल्ख रवैये में नरमी चाहता है।
• विदेश मंत्रलय के मुताबिक ब्रिक्स की अगली बैठक चीन में ही होनी है। इसकी समीक्षा के लिए सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक हनोवर में होनी है। सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों, विदेश मंत्रियों और गृह मंत्रियों की भी बैठक अगले दो माह के दौरान होगी।
• इस दौरान भारत-चीन के एनएसए, विदेश और गृह मंत्री द्विपक्षीय बैठक करेंगे अन्य मुद्दों के साथ ही सीमा पर मौजूदा तनाव के हालात को उठाने का मौका मिलेगा।

*6. जलवायु संधि से अलग होने का ट्रंप का निर्णय पृथ्वी  के लिए घातक : हाकिंग

• प्रख्यात ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी स्टीफन हाकिंग ने चेतावनी दी है कि पेरिस जलवायु संधि से अमेरिका को अलग करने का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फैसला धरती को तबाही के कगार की तरफ धकेल सकता है और धरती को शुक्र की तरह गर्म ग्रह में बदल सकता है।
• ट्रंप ने पिछले महीने पेरिस समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी। इस पर करीब 200 देश हस्ताक्षर कर चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि अमेरिकी कारोबारियों के हितों की अनदेखी न हो वह चाहते हैं कि समझौते में उनके देश के हिस्से पर फिर से बातचीत हो।
• दुनिया के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हाकिंग ने बताया, पेरिस समझौते से अलग होने के ट्रंप के फैसले से ऐसे जलवायु परिवर्तन होंगे जिन्हें पलटा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, हम उस मोड़ के करीब हैं जहां ग्लोबल वार्मिग को पलटा नहीं जा सकेगा।
• ट्रंप की कार्रवाई पृवी को शुक्र ग्रह की तरह बनने के कगार पर पहुंचा सकती है। जब तापमान 250 डिग्री

सेल्सियस तक पहुंच जाएगा और तेजाबी बारिश होगी। उन्होंने इस बात का भी डर जताया कि आक्रमकता इंसानों में अंतर्निहित है और उत्तरजीविता की उनकी सबसे बड़ी उम्मीद दूसरे ग्रह पर जीवन की है।
• कैंब्रिज के प्रोफेसर ने दावा किया कि इंसानियत जिन बड़े खतरों का सामना कर रही है उनमें जलवायु परिवर्तन सबसे अहम है, लेकिन तत्काल कार्रवाई से इससे बचा जा सकता है।

*7. उ. कोरिया ने दागी अमेरिका तक मार करने वाली मिसाइल*

• उत्तर कोरिया ने मंगलवार को दावा किया कि उसने अंतरमहाद्वीपीय मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। अमेरिका पर निशाना साधने में सक्षम परमाणु हथियार निर्माण करने की दृष्टि से यह उसके लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।
• अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि मिसाइल की मारक क्षमता अलास्का तक हो सकती है। यह मिसाइल प्रक्षेपण उस समय किया गया है जब अमेरिका चार जुलाई को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है।
• मिसाइल प्रक्षेपण से नाराज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर चीन से इस बेवकूफी को हमेशा के लिए खत्म करने का अनुरोध किया है।
• अंतरमहाद्वीपीय मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का यह परीक्षण प्योंगयांग द्वारा उत्पन्न किए जा सकने वाले सामरिक खतरे के पुन:आकलन को मजबूर कर सकता है।
• सरकारी कोरियन सेंट्रल टेलीविजन पर एक विशेष घोषणा में परंपरागत पोशाक पहने एक महिला उद्घोषक ने बताया, हावासोंग-14 मिसाइल के इस परीक्षण पर उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने नजर रखी।उद्घोषक ने इस परीक्षण को एक ‘‘मील का पत्थर’ बताया।
• उन्होंने कहा, यह मिसाइल 2,802 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंची और इसने 933 किलोमीटर की दूरी तय की। उन्होंने कहा, उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों से लैस देश और एक बहुत शक्तिशाली आईसीबीएम है जो दुनिया में किसी भी स्थान पर हमला कर सकता है।
• इस घटनाक्रम पर प्रतिक्यिा देते हुए ट्रंप ने कहा, क्या इस इंसान (किम) के पास अपने जीवन में करने के लिए कोई और काम नहीं है?

*8. कोरियाई संकट पर सहयोग बढ़ाएंगे चीन और रूस*

• दक्षिण चीन सागर में अमेरिका से तनातनी के बीच रूस पहुंचे चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और व्लादिमीर पुतिन ने कोरियाई संकट पर समन्वय और सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अलावा अन्य वैश्विक मसलों से निपटने में भी दोनों देश आपसी संपर्क बढ़ाएंगे।
• दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष सीरिया संकट का स्थायी समाधान निकालने पर भी सहमत हुए हैं सोमवार को मास्को पहुंचे चीनी राष्ट्रपति शी और पुतिन के बीच वार्ता के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अलावा उत्तर कोरिया का मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम भी केंद्र में रहा।
• प्योंगयांग के खतरे से निपटने के लिए अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में शक्तिशाली रडार सिस्टम टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस (थाड) लगाया है। बीजिंग और मास्को के लिए यह चिंता का सबब बना है, क्योंकि दोनों देश भी इसकी जद में आते हैं। शी और पुतिन ने इसकी तैनाती से क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन बिगड़ने की आशंका जताई है।
• उन्होंने थाड की तैनाती का विरोध भी किया है। शी चिनफिंग यहां से सीधे जी-20 की बैठक में हिस्सा लेने जर्मनी चले जाएंगे।
• समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, चिनफिंग ने चीन और रूस को व्यापक रणनीतिक साझीदार बताते हुए बड़े मामलों से निपटने में सहयोग और संपर्क को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्षों को आपसी सहयोग मजबूत करना चाहिए, जिससे एक-दूसरे की संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास परियोजनाओं की रक्षा की जा सके।
• चीन और रूस को बड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना चाहिए, ताकि खतरों और चुनौतियों से निपटते हुए वैश्विक शांति, स्थायित्व और संपन्नता को बढ़ावा दिया जा सके।’ पुतिन ने शी के प्रस्तावों पर सहमति जताते हुए आपसी समर्थन बढ़ाने की बात कही है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2013 के बाद से शी की यह दूसरी रूसी यात्रा  है। इससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।
•  दोनों नेताओं ने पांच से भी ज्यादा वर्षो से हिंसा की आग में झुलस रहे सीरिया में वार्ता के जरिये शांति लाने पर भी सहमति जताई है। रूस पहले से ही सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर रहा है। दूसरी तरफ, अमेरिका के नेतृत्व में भी हवाई हमले जारी हैं।

*9. मालदीव के राष्ट्रपति ने संसद में गंवाया बहुमत*

• मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने संसद में बहुमत गंवा दिया है। उनकी प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव के दस सांसद इस्तीफा देकर विपक्षी गठबंधन में चले गए। इससे यामीन की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
• 185 सदस्यीय संसद में यामीन 48 सदस्यों के साथ बहुमत में थे, लेकिन अब चार दलों का गठबंधन बहुमत में आ गया है। उसके बाद अब 45 सीटें हो गई हैं।
• दलबदल के कारण का

पता नहीं चल सका है। विपक्षी गठबंधन में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम और निवार्सित नेता मुहम्मद नशीद की पार्टी भी शामिल है। नशीद ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति यामीन ने संसद में बहुमत खो दिया है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
• विपक्षी गठबंधन ने एक बयान में कहा कि स्वतंत्र संस्थाओं न्यायिक, सुरक्षा सेवाओं और अंतरराष्ट्रीय विकास साझीदारों से आग्रह है कि वे जनता की इच्छाओं का सम्मान करें।

*10. उपराष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी*

• चुनाव आयोग द्वारा देश के 14वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी किए जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी ने एक आदेश जारी कर चुनाव की प्रक्रिया मंगलवार को घोषित कर दी। आयोग ने हाल ही में 5 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया था।
• इससे पहले, आयोग ने एक जुलाई को अधिसूचना जारी कर राज्यसभा के महासचिव शमशेर के. शरीफ को निर्वाचन अधिकारी और राज्यसभा के अतिरिक्त सचिव मुकुल पांडेय एवं संयुक्त सचिव रोहतास को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया था।
• शरीफ द्वारा मंगलवार को चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी करने के बाद इच्छुक उम्मीदवार मंगलवार से 18 जुलाई तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे।
•  उम्मीदवारों को अपना नामांकन संसद भवन स्थित कक्ष क्रमांक 29 में निर्वाचन अधिकारी को स्वयं या प्रस्तावक के जरिए निर्धारित समय सीमा में जमा कराना होगा।

*11. अचल कुमार जोति नए मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त*

• गुजरात के मुख्य सचिव रह चुके चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति को नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है।राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने श्री जोति को इस पद पर नियुक्ति किए जाने की मंगलवार को मंजूरी दी।
• वह डॉ. नसीम जैदी का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल पांच जुलाई को समाप्त हो रहा है। श्री जोति छह जुलाई को कार्यभार ग्रहण करेंगे। 64 वर्षीय श्री जोति ने 13 मई 2015 को चुनाव आयुक्त का कार्यभार संभाला था।
• वह सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त होने के नाते मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए हैं।
• वह करीब सात माह तक इस पद पर रहेंगे, क्योंकि 65 वर्ष की आयु तक ही मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल रहता है।
• श्री जोति भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1975 बैच के गुजरात कैडर के अधिकारी रहे हैं।

12. यूपी में नयी औद्योगिक नीति लागू

• यूपी में उद्योग के लिए अनुकूल वातावरण बनाने और निवेश को रोजगार से जोड़ते हुए राज्य सरकार ने नयी उद्योग नीति की घोषणा कर दी। राज्य सरकार ने नयी उद्योग नीति में उद्यमियों के लिए सिंगिल विण्डो सिस्टम की सुविधा प्रदान देने के साथ ही सिटीजन चार्टर भी लागू कर दिया।

• मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘‘उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार नीति-2017’ को अमल में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

• यह जानकारी देते हुए औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि नयी औद्योगिक नीति का उद्देश्य  उद्योग के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए निवेश आकर्षित करना और सभी वर्गों  को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इसीलिए राज्य सरकार ने सिंगिल विण्डो सिस्टम और सिटीजन चार्टर भी लागू कर दिया है।

• इससे उद्यमियों को एक ही विण्डो पर सारी स्वीकृतियां समयबद्ध तरीके से मिल जाएंगी। नयी उद्योग नीति को रोजगारपरक बनाये रखने के लिए कई महत्वूर्ण घोषणाएं की गयी हैं।

• उन्होंने बताया कि इसके तहत मेक इन इण्डिया की सफलता का लाभ उठाने के लिए ‘‘मेक इन यूपी’ विभाग की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया जाएगा।

• राज्य के जिन शहरों को औद्योगिक कलस्टर बनाया जाएगा वहां के लिए समर्पित पुलिस बल तैनात किया जाएगा। इसके लिए अलग से डिप्टी एसपी या एसपी स्तर का एक अलग अफसर तैनात किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नयी नीति के तहत मेगा परियोजनाओं को पुनर्परिभाषित करते हुए निवेश को रोजगार सृजन के साथ जोड़ा गया है।

• महाना ने बताया कि उत्पाद को देश विदेश के बाजारों में पहुंचाने के लिए वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क का कनेक्टिविटी वेब बनाया जाएगा। प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिये मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की जाएगी। इसके अलावा लघु,मध्यम, उद्यम वेंचर कैपिटल फंड सृजित किया जाएगा।

• निवेश के प्रोत्साहन एवं ब्रांड यूपी के विपणन के मद्देनजर अक्टूबर-नवम्बर में ग्लोबल इंवेस्टर मीट आयोजित की जाएगी जिसमें प्रधानमंत्री को विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाएगा।


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